* फिर से उभर तू आज में *
तेरी
आज की हंसी
दबी
हैं कल के शोर
में
जो
हुआ उसे भी लेकर
साथ
फिर
से उभर तू आज
मे।
न
जाने कितने ठोकर
और
जिंदगी ले आएगी
खुद
को रख संभल कर
तेरी
हिम्मत ही काम आएगी।
बचा
बचाया सिमट के
कर
हौसला तू बुलंद आज
ये
वक्त भी बदल जायेगा
कल
खुद
पर तुझे होगा नाज़।
तेरे
कर्म क्या अच्छे बुरे
होगा
हिसाब बाद में
जो
हुआ उसे भी लेकर
साथ
फिर
से उभर तू आज
मे।
जो
हुआ उसे भी लेकर
साथ
फिर
से उभर तू आज
मे। ...vj
जिंदगी की जंग में बहुत से पल हताश कर जाते हैं, लेकिन उसमें से भी उड़ान भरने की जिद दिल में होनी चाहिये.. हमे हर ऐसी स्थिति में खुद के भीतर जरूर झांक कर देखना चाहिए । शायद रास्ता न दिखे, लेकिन एक उम्मीद की किरण जरूर मिल जायेगी।
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